Saturday 27 August 2011

ARTICLE184/193/343

कामकाज से संबंधित अन्य संसदीय नियमों की तरह ही नियम 184 लोकसभा का हिस्सा है। बस अंतर यह है कि इसमें चर्चा हो जाने के बाद मतदान का प्रावधान है। हालांकि इस मतदान में हार से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता और न ही उसके अस्तित्व पर कोई खतरा होता है। 
इस नियम के तहत चर्चा करने की कुछ शर्तें होती हैं-। मसलन यह बहस किसी एक मुद्दे पर ही होगी, अपमानसूचक अथवा व्यंग्यात्मक लहजे का इस्तेमाल निषिद्ध होगा, अदालत में विचाराधीन मामलों पर बहस नहीं होगी, संसदीय समिति के अधीन मामले भी इस नियम के तहत नहीं लाए जा सकते। लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से संसद सदस्य इस चर्चा में हिस्सा लेते हैं।
 वहीं, संसदीय कामकाज के नियम 193 के तहत बिना वोटिंग के बहस का प्रावधान है। किसी मुद्दे पर चार घंटे तक लोकसभा सदस्यों को चर्चा की अनुमति दी जाती है। जबकि, लोकसभा के नियम 342 के तहत बिना वोटिंग के लोकहित के किसी मुद्दे पर चर्चा कराई जा सकती है। इसमें ध्वनिमत का प्रावधान है। जिसके बाद प्रस्ताव पारित हो सकता है। चर्चा खत्म होने के बाद कोई सवाल नहीं पूछे जाते हैं।  
 

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